बीकानेर। बेमौसम तेज हवा के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। खेतों में खड़ी फसल के साथ ही मंडी में रखा अनाज भी भीग गया। बारिश से सरसों, चना,जीरे , इसबगोल की फसल को भारी नुकसान हुआ है।हाड़ तोड़ मेहनत के बाद तैयार फसल यदि इस तरह बर्बाद हो जाए किसान के पास अपने नसीब को कोसने के अलावा कोई उपाय नहीं है। बीकानेर के लूणकरणसर, अर्जुनसर, पूगल सहित ग्रामीण इलाकों में शुक्रवार को हुई बारिश, ओलावृष्टि ने किसानों महीनों की मेहनत पर पल भर में पानी फेर दिया। बारिश, ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी फसल के साथ ही मंडी में बेचने के लिए लाया गया अनाज भी भीग गया। कई स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई है। हालांकि मौसम विभाग पिछले दो-तीन दिन से लगातार बारिश होने की चेतावनी दे रहा था। मौसम के अचानक बदले मिजाज ने खेतों में खड़ी फसल को तो नुकसान पहुंचाया ही है, साथ ही मंडी में बिकने के लिए तैयार पड़े अनाज को भी बर्बाद कर दिया। बीकानेर और उसके आसपास के क्षेत्र में शाम चार बजे के बाद अचानक बदले मौसम से तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि शुरू हो गई। ग्रामीण क्षेत्रों में चने के आकार के ओले बरसे, जिससे फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।क्षतेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं और जीरे , इसबगोल की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। तेज बरसात के चलते मंडी में रखी हुई जींस भी भीग गई। इस बारिश से सरसों, चना और की फसल को सर्वाधिक नुकसान हुआ है।
मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर किसानों को सलाह दी गई थी कि वे अनाज को सुरक्षित स्थान पर रखें। साथ ही रबी की फसलों में भी सिंचाई या किसी भी तरह का रासायनिक छिड़काव बारिश की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए ही करें।फिलहाल बारिश ने खेतों में खड़ी फसलों को लेकर किसान की चिंता बढ़ा दी है। फसले पकने की स्थिति में है लेकिन बिगड़े मौसम से उनके खराब होने की आशंका बढ़ गई है। खेतों में अभी सरसों,जीरे, गेहूं, की खड़ी फसलों की क्वालिटी पर बारिश व ओलावृष्टि से खासा असर पड़ सकता है।