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बीकानेर: निगम आयुक्त-महापौर एक बार फिर आमने-सामने, आयुक्त की कार्यशैली पर उठाए सवाल

बीकानेर: नगर निगम आयुक्त और महापौर में एक बार फिर आमने सामने हो ग ए है। दोनों में अपने अधिकारों को लेकर ठन गई है। दोनों के बीच तनातनी इतनी बढ़ गई है कि निगम आयुक्त पर महापौर ने अपने अधिकारों पर अतिक्रमण करने के आरोप लगाते हुए जिला कलेक्ट्रेट पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ रही है। धरने में भाजपा और महापौर समर्थित पार्षद भी शामिल होंगे। महापौर ने आरोप लगाते हुए बताया कि नगर निगम आयुक्त गोपाल राम बिरधा राजनैतिक संरक्षण के नशे में लगातार नियमों और कानून के खिलाफ कार्य कर रहे हैं। महापौर ने निगम आयुक्त पर आरोप लगाया है कि पट्टों के नाम पर जनता से नियमों के नाम पर अनावश्यक पैसे लेना हो, पट्टों के नाम पर रिश्वतखोरी, पट्टों के झूठे आंकड़े भेजना, संविधान और नगर पालिका अधिनियम के खिलाफ बोर्ड बैठक बुलाना ,केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की साधारण सभा में स्वीकृति ना लेना और उनकी अवमानना करना, कोर्ट स्टे के बावजूद तुलसी गौशाला तोडऩा हो, बरसात के समय नाला सफाई के स्थान पर अतिक्रमण तोडऩा हो, ऐसे कई मामले हैं।महापौर द्वारा जिला कलेक्टर,संभागीय आयुक्त, डीएलबी डायरेक्टर,शासन सचिव,मुख्य सचिव तथा मंत्री शांति धारीवाल को निगम आयुक्त की मनमानी की शिकायत तथ्यों के साथ देकर निगम आयुक्त को हटाने की मांग को चुकी है लेकिन 2 महीने से अधिक समय बीत जाने पर भी दोषी अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।अपनी इन्हीं मांगों को लेकर महापौर सुशीला कंवर आज से जिला कलेक्टर परिसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का ऐलान कर दिया है।

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