Share on WhatsApp

ऊंट निर्यात पर 11 साल बाद हटाया प्रतिबंध, वसुंधरा सरकार ने कानून बनाकर लगाई थी रोक

ऊंट निर्यात पर 11 साल बाद हटाया प्रतिबंध, वसुंधरा सरकार ने कानून बनाकर लगाई थी रोक

राजस्थान का राज्य पशु और रेगिस्तान का जहाज कहलाने वाले ऊंट के निर्यात पर भजनलाल सरकार ने प्रतिबंध हटा लिया है। लगभग 11 साल पहले तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने ऊंट को राज्य पशु घोषित करते हुए इसके वध को निशेध करने व अन्य राज्यों में इसकी खरीद-बिक्री पर रोक लगाने के लिए विधानसभा में “राजस्थान ऊंट (वध का प्रतिषेध और अस्थायी प्रजनन या प्रवासन का विनियमन) अधिनियम, 2015” पारित करवा करवाया था। अब मौजूदा सरकार ने ऊंटों की घटती आबादी को आधार बनाकर अन्य राज्यों में अस्थायी प्रजनन या प्रवासन की अनुमति देने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य सरकार का कहना है कि यह फैसला ऊंटों की गिरती संख्या और पशुपालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सशर्त निर्यात और प्रवासन की अनुमति से जहां ऊंटपालकों को राहत मिलेगी, वहीं उनके संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।

 

सशर्त दूसरे राज्यों में ले जाना होगा संभव

पशुपालन विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, ऊंटों को राज्य से बाहर ले जाने के लिए अब कुछ जरूरी प्रक्रियाओं और शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा। अधिसूचना के अनुसार:

 

 

पूर्व अनुमति आवश्यक:

राज्य से ऊंटों को बाहर ले जाने के लिए संबंधित सक्षम प्राधिकारी से पूर्व अनुमति लेनी होगी।

 

स्वास्थ्य परीक्षण जरूरी:

पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा ऊंट का स्वास्थ्य परीक्षण कर प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। बिना स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के ऊंट का परिवहन अवैध माना जाएगा।

 

अस्थायी प्रजनन व कृषि उपयोग हेतु अनुमति:

यदि ऊंट को अस्थायी प्रजनन या कृषि उद्देश्यों के लिए ले जाया जा रहा है, तो उसका स्पष्ट उल्लेख करना होगा और वापसी की तिथि भी निर्धारित करनी होगी।

 

निर्धारित समय में वापसी अनिवार्य:

यदि ऊंट अस्थायी रूप से राज्य से बाहर ले जाया गया है, तो उसे निर्धारित समयावधि में वापस लाना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर अनुमति स्वतः निरस्त हो जाएगी।

 

कृषि और शैक्षणिक प्रयोग के लिए विशेष अनुमति:

अधिनियम की धारा 15 के उपबंध (7) के तहत कृषि और शैक्षणिक प्रयोगों हेतु ऊंटों को ले जाने के लिए विशेष अनुमति दी जा सकेगी।

 

सही दस्तावेज और विवरण आवश्यक:

ऊंट का प्रयोग कहां, किस उद्देश्य से और कितने समय के लिए किया जा रहा है, इसका पूरा विवरण अनुमति पत्र में देना होगा।

 

नियम उल्लंघन पर सजा, 25 हजार तक जुर्माना

राज्य सरकार ने कहा – नियमों के उल्लंघन पर राजस्थान ऊंट (वध निषेध और अस्वीकृत प्रवास या नियमन) अधिनियम–2015 के तहत कार्रवाई होगी। इसमें ऊंट को मारने पर 7 साल तक की सजा है। अवैध परिवहन, तस्करी पर 6 माह से 3 साल तक की सजा और 3 हजार से 25 हजार तक जुर्माना देना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • babynextbuy.com
  • psychoself.pl
  • nepsewizard.com
  • lspro.petrolab.co.id
  • rodamais.com
  • stelloxnigeria.com
  • 2reha.ir
  • www.stage.riconets.com
  • 2024.spikudden.com
  • doktervito.com
  • rhememedia.com.ng
  • www.allnepal.com