
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को विप्र फाउंडेशन द्वारा स्थापित परशुराम ज्ञानपीठ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राजस्थान सहित देशभर से हजारों की संख्या में समाजजन, पदाधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। समारोह का वातावरण गरिमामयी और प्रेरणादायी रहा, जिसे समाज की शिक्षा और संस्कार की दिशा में ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है।
कार्यक्रम में विप्र फाउंडेशन के संयोजक सुशील ओझा ने कहा कि संगठन की मूल विचारधारा संस्कार से शिक्षा की ओर है। उन्होंने स्पष्ट किया कि परशुराम ज्ञानपीठ का उद्देश्य केवल शिक्षा प्रदान करना नहीं, बल्कि युवाओं को जीवन मूल्यों, उच्च आदर्शों और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ना भी है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में इसे “युगांतकारी पहल” बताते हुए कहा कि शिक्षा समाज को सशक्त बनाती है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह ज्ञानपीठ न केवल विप्र समाज बल्कि पूरे प्रदेश और देश के युवाओं को नई दिशा देगा।
इस अवसर पर बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास, डूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत, पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष रामकिशन आचार्य, समाजसेवी एवं संरक्षक राजेश चूरा सहित बड़ी संख्या में अतिथि और समाजजन मौजूद रहे। बीकानेर जोन से भंवर पुरोहित, धनसुख सारस्वत, दीपक हर्ष, दिनेश ओझा, किशन जोशी, अमित व्यास, चंद्रकला और पंकज पीपलवा सहित अनेक पदाधिकारी भी सम्मिलित हुए।
समारोह के अंत में उपस्थित सभी समाजजनों ने सामूहिक संकल्प लिया कि शिक्षा और संस्कार के इस आंदोलन को सशक्त बनाकर हर युवा तक पहुँचाया जाएगा। परशुराम ज्ञानपीठ भविष्य में समाज के लिए ज्ञान, संस्कृति और मूल्य शिक्षा का केंद्र बनेगा और शिक्षा क्षेत्र में नई क्रांति की नींव रखेगा।