बीकानेर। रबी फसलों की बुवाई के साथ जिले में इस समय डीएपी व यूरिया की मांग चरम पर है। सरसों, चना, इसबगोल व गेहूं की बढ़वार के लिए किसान इन दिनों यूरिया का छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन कई किसानों को उर्वरक की कमी और दुकानदारों की मनमानी का सामना करना पड़ रहा है।
कृषि विभाग को मिली शिकायतों के अनुसार कुछ उर्वरक विक्रेता किसानों को यूरिया, डीएपी व एनपीके देने के बदले कीटनाशक, सल्फर, बायोफर्टिलाइजर, सूक्ष्म पोषक तत्व और नैनो उत्पाद जबरन खरीदने का दबाव बना रहे हैं।
सहायक कृषि अधिकारी देवेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि रबी सीजन के लिए 80 हजार 500 मीट्रिक टन उर्वरक की मांग भेजी गई थी, जो विभाग को प्राप्त हो चुकी है। जिले में लगभग 4,500 मीट्रिक टन यूरिया स्टॉक में उपलब्ध है। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि आपूर्ति में कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि जल्द ही नर्मदा का एक रैक और एनएफएल का एक रैक भी मिलने वाला है, जिससे वितरण और सुचारू हो जाएगा।
शेखावत ने कहा कि उर्वरक विक्रेताओं द्वारा टैगिंग कर अतिरिक्त उत्पाद बेचने की शिकायतें गंभीर हैं। यदि कोई दुकानदार इस तरह की हरकत करता पाया गया, तो लाइसेंस निरस्त करने के साथ एफआईआर दर्ज की जाएगी। उन्होंने खाद विक्रेताओं को निर्देश दिया कि निर्धारित दरों पर ही बिक्री करें और अनावश्यक वस्तुओं की जबरन बिक्री पर सख्त कार्रवाई होगी।
किसान ऐसे करें बचाव
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि उर्वरक खरीदते समय पक्का बिल अवश्य लें। यदि कोई विक्रेता दबाव बनाता है या टैगिंग करता है, तो इसकी सूचना तुरंत विभाग को दें।
कहां करें शिकायत?
– टोल-फ्री नंबर: 1800-180-1551
अपने ब्लॉक के कृषि विकास अधिकारी या उप कृषि निदेशक से संपर्क करें
– जिला कृषि कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराएं
व्हाट्सएप पर बिल की फोटो भेजकर भी शिकायत की जा सकती है।कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसानों का शोषण किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जिले में उर्वरक की कमी नहीं होने दी जाएगी।