
बीकानेर। मुरलीधर व्यास कॉलोनी स्थित एक पार्क में हो रहे निर्माण को बीकानेर विकास प्राधिकरण की टीम ने शुक्रवार को अतिक्रमण मानते हुए ढहा दिया। इस कार्रवाई को लेकर विवाद तब बढ़ गया जब मोहल्लेवासियों ने दावा किया कि वह निर्माण एक धार्मिक स्थल भैरूं जी की कुटिया का विस्तार था, जो वर्षों से वहां मौजूद है।इस घटनाक्रम का केंद्र बनी बीडीए की जेईएन अलका, जिन पर मोहल्लेवालों ने आरोप लगाया है कि उन्होंने उच्चाधिकारियों को गलत फीडबैक देकर इसे अतिक्रमण बताया और स्थानीय स्तर पर चल रहे विरोध की जानकारी अधिकारियों को नहीं दी।स्थानीय निवासी और हिंदू जागरण मंच के शैलेष गुप्ता ने कहा कि यह निर्माण मोहल्लेवासी सामूहिक रूप से करवा रहे थे, जिसमें पक्षियों के लिए पानी के बर्तन आदि भी शामिल थे। गुप्ता ने जेईएन पर क्षेत्रीय विधायक के प्रति भी गलत टिप्पणी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कमिश्नर और सचिव को इस विवाद की पूरी जानकारी नहीं रही होगी, मगर जेईएन की जिम्मेदारी थी कि वह तोड़फोड़ से पहले विरोध की सूचना देती।बताया जा रहा है कि बीडीए की टीम के पहुंचते ही मौके पर लोग एकत्र होने लगे। क्षेत्रीय विधायक ने भी कार्रवाई रोकने का प्रयास किया, मगर जेईएन की जिद और प्रशासनिक चूक से माहौल तनावपूर्ण हो गया।उधर, नगर विकास न्यास की कमिश्नर अर्पणा गुप्ता ने कहा कि हमें जेईएन से जो फीडबैक मिला, उसके आधार पर निर्माण को अवैध माना गया। लेकिन अब विरोध के बाद नई जानकारियां सामने आई हैं। हम पूरे मामले की जांच करवा रहे हैं और हकीकत का पता लगाया जाएगा।स्थानीय लोगों की मांग है कि प्रशासन धार्मिक भावना से जुड़े इस मामले को गंभीरता से ले और दोषी अधिकारी पर कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।