बीकानेर जिला पुलिस ने कुख्यात रोहित गोदारा गैंग की बढ़ती गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए कार्रवाई की रफ्तार बढ़ा दी है। पिछले एक महीने में अलग-अलग थानों में इस गैंग के खिलाफ कई प्रकरण दर्ज कराए गए हैं। खास बात यह है कि मामलों की पहल स्वयं पुलिस कर रही है, ताकि लगातार मिल रही धमकियों और रंगदारी की घटनाओं पर सख्ती से रोक लग सके।मंगलवार को सदर थाना प्रभारी दिगपाल सिंह ने रोहित गोदारा सहित पांच लोगों के खिलाफ नया मामला दर्ज किया। आरोपियों में जीतेंद्र चारण उर्फ जीतू, वीरेंद्र चारण, सुरेश बिश्नोई उर्फ शिकारी और रोहित राणा शामिल हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि रोहित राणा ने सुखदेव चायल के घर के आसपास रैकी कर गैंग को सूचना दी थी। चायल से गोदारा गैंग द्वारा हाल ही में रंगदारी मांगी गई थी। इस मामले की जांच अब जयनारायण व्यास कॉलोनी थानाधिकारी विक्रम तिवाड़ी को सौंपी गई है।इससे पहले 14 अक्टूबर को पुलिस ने डॉ. श्याम अग्रवाल को धमकी देने के मामले में रोहित गोदारा सहित 24 लोगों को नामजद करते हुए एक बड़ी FIR दर्ज की थी। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।इन मामलों को भारतीय न्याय संहिता की धारा 111 के तहत दर्ज किया गया है, जिसमें संगठित अपराध और सिंडिकेट के रूप में काम करने पर कठोर प्रावधान हैं। इन धाराओं में पाँच साल तक की सजा और पाँच लाख रुपये तक जुर्माना भी शामिल है।आमतौर पर पीड़ित ही मामला दर्ज करवाते हैं, लेकिन इस बार पुलिस खुद पहल कर रही है। वजह है पिछले कुछ महीनों में गैंग की बढ़ती रंगदारी और धमकी की घटनाएं। डॉ. श्याम अग्रवाल, पीयूष श्रृंगारी और सुखदेव चायल जैसे प्रमुख लोगों को टारगेट किया गया, जिससे पुलिस ने संगठित तरीके से कार्रवाई करने का निर्णय लिया।पुलिस का फोकस अब गैंग की नेटवर्किंग तोड़ने और संगठित अपराध पर मजबूत कार्रवाई करने पर है।