
बीकानेर। सोमवार को हुई मानसून की पहली ही बारिश ने नगर निगम और अमृत-2 योजना के अंतर्गत कार्यरत सिविल लाइन कंपनी की कार्यशैली की सच्चाई उजागर कर दी। आधे घंटे की बारिश में ही बीकानेर शहर की सड़कें दरिया बन गईं और कई इलाकों में पानी भरने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।शहर के दो पीर दरगाह के पास एक ट्रेक्टर धंस गया। हाल ही में अमृत 2 योजना के तहत सीवर लाइन का काम हुआ था। हैरत कि बात है इस सड़क का निर्माण अभी कुछ दिन पहले ही हुआ था । वहीं शहर के सबसे व्यस्ततम मार्ग सट्टा बाजार में बना नाला सफाई नहीं होने का कारण ओवरफ्लो हो गया जिसके चलते सुबह से ही यह मार्ग अवरूद्ध रहा। मात्र आधा घंटे की बारिश के बाद शहर के हालात को लेकर नगर निगम और निर्माण एजेंसी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अमृत-2 योजना के तहत जो कार्य सिविल लाइन कंपनी द्वारा किया गया, वह पूरी तरह से घटिया और गैर-जिम्मेदाराना रहा। बारिश का पानी सीधे जूनागढ़ किले और सूरसागर जैसे ऐतिहासिक स्थलों में घुस गया, निर्माण कार्य में बरती गई लापरवाही के चलते नालों के जाम होने के कारण बारिश का पानी सूरसागर में चला गया। के किसी बड़े हादसे की आशंका बनी रही। शहर के रानी बाजार अंडरब्रिज से लेकर गोगागेट सर्किल तक कई स्थानों पर चैंबर सड़क के लेवल से ऊपर छोड़ दिए गए हैं। इससे न केवल जलभराव हुआ बल्कि सड़कों को भी नुकसान पहुंचा है।