


बीकानेर। जिले के नोखा के पांचू रोड पर स्थित हांसासर की रोही में को उस वक्त कोहराम मच गया जब एक ढाणी में अचानक लगी आग ने एक मेहनतकश किसान परिवार का सब कुछ जलकर राख कर दिया। नोखा-पांचू मार्ग पर स्थित इस ढाणी में रहने वाले धनदास पुत्र रूपदास साध के परिवार के लिए यह दिन किसी भयावह सपने से कम नहीं था। इस दौरान ढाणी में महिलाएं बच्चों के साथ रोजमर्रा के कामों में जुटी थीं। तभी अचानक ऊपर से गुजर रही हाई टेंशन लाइन में शॉर्ट सर्किट हुआ और चिंगारी ढाणी पर आ गिरी। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और पूरा मकान लपटों में घिर गया। घरेलू सामान, गेहूं-चने जैसी फसलें, वर्षों की जमा पूंजी और जेवरात सब कुछ मिनटों में राख हो गया।
आग की लपटों को देख धनदास ने साहस दिखाते हुए परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला। लेकिन आग बुझाते समय वह खुद गंभीर रूप से झुलस गया। उसे प्राथमिक उपचार के लिए तत्काल नोखा अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों के अनुसार उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।
*लाखों का नुकसान, प्रशासन से राहत की उम्मीद*
इस हादसे में करीब 5 से 6 लाख रुपये के नुकसान का अनुमान है। ढाणी पूरी तरह खाक हो चुकी है और परिवार अब खुले आसमान के नीचे आ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार बिजली विभाग को जर्जर लाइनों की जानकारी दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।अब ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि नुकसान का त्वरित सर्वे करवा कर मुआवजा दिया जाए और पीड़ित परिवार को पुनर्वास सहायता प्रदान की जाए।
इस हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि ग्रामीण इलाकों में बिजली की लापरवाह व्यवस्था और ढाणियों की अनदेखी कब खत्म होगी? क्या किसी बड़ी जनहानि के बाद ही बिजली विभाग जागेगा?