
बीकानेर। बीकानेर में दो दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया कि धार्मिक ट्रस्टों के माध्यम से हवाला कारोबार, मनी लॉन्ड्रिंग और गैर-कानूनी धर्म परिवर्तन जैसी गतिविधियां चलाई जा रही थीं।
ईडी ने धोबी तलाई निवासी मोहम्मद सादिक खान और उसके सहयोगियों के ठिकानों पर छापा मारकर कई अहम दस्तावेज और डिजिटल सबूत बरामद किए। शुरुआती जांच में पता चला है कि सादिक जमीयत अहले हदीस का प्रमुख है और अल फुरकान एजुकेशनल ट्रस्ट तथा मस्जिद-ए-आयशा ट्रस्ट के संचालन से जुड़ा हुआ था। इन ट्रस्टों के बैंक खातों में करोड़ों रुपये का लेन-देन सामने आया है।
बीस बैंक खातों का खुलासा
जांच में करीब 20 बैंक अकाउंट्स सामने आए, जिन्हें सादिक सीधे नियंत्रित करता था। उसके पास कोई वैध और बड़ी पर्सनल इनकम नहीं थी, लेकिन उसने कई विदेशी यात्राएं कीं और बांग्लादेश सहित कई देशों में आर्थिक लेन-देन के सबूत मिले। ईडी को संदेह है कि इन फंड्स का इस्तेमाल राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में किया गया।
विदेशी फंडिंग और कट्टरपंथी प्रचार
छापेमारी में ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि सादिक ने बांग्लादेश की एक संगठन को आर्थिक मदद दी। डिजिटल सामग्री से यह भी सामने आया कि वह सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी वीडियो और उकसाने वाला कंटेंट साझा करता था। हथियारों की सप्लाई और जबरन धर्म परिवर्तन कराने के भी आरोप उसके ऊपर हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
ईडी का कहना है कि मोहम्मद सादिक और उसके नेटवर्क की गतिविधियां देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। शुरुआती जांच में उसके तार प्रतिबंधित संगठनों और कट्टरपंथी उद्देश्यों का समर्थन करने वाले नेटवर्क से जुड़े पाए गए हैं। एजेंसी अब हवाला चैनल, विदेशी फंडिंग और संदिग्ध एनजीओ के वित्तीय लेन-देन की गहन जांच कर रही है।जांच एजेंसियों का मानना है कि आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े और बड़े खुलासे हो सकते हैं।