
बीकानेर। जिले के नापासर कस्बे से इंसानियत को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां कीचड़ भरे रास्ते के कारण एक वृद्धा की अंतिम यात्रा को बीच रास्ते में रोकना पड़ा। मजबूरी में ग्रामीणों को कीचड़ में से होकर ही अर्थी निकालनी पड़ी।
यह दर्दनाक मामला नापासर के उत्तरादा बास का है, जहां 80 वर्षीय चेना देवी के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा था। लेकिन श्मशान भूमि तक जाने वाला रास्ता कीचड़ से लबालब था। अर्थी को लेकर जा रहे परिजनों व ग्रामीणों को रास्ते में रुकना पड़ा और फिर कीचड़ से जूझते हुए अंतिम यात्रा पूरी करनी पड़ी।
इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को व्यथित किया बल्कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही भी उजागर कर दी। ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि वर्षों से श्मशान भूमि तक जाने वाला रास्ता जर्जर और दलदली हालात में है, अधिकारियों को के ई बार अवगत करवाने के बावजूद भी हालात जस के तस बने हुए हैं। हल्की सी बारिश में ही इस मार्ग पर कीचड जमा हो जाता है।
ग्रामीणों की मांग है कि तुरंत श्मशान भूमि तक जाने वाले रास्ते को दुरुस्त किया जाए, ताकि किसी और की अंतिम यात्रा के दौरान किसी को भी इस तरह की बेइज्जती का सामना न करना पड़े