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बीकानेर: ग्यारह महीने की मेहनत लाई रंग, बीकानेर पुलिस ने 50 हजार के इनामी दो भाइयों को जयपुर में दबोचा, खिड़की से कूदकर भागे रहे थे बदमाश

बीकानेर: ग्यारह महीने की मेहनत लाई रंग, बीकानेर पुलिस ने 50 हजार के इनामी दो भाइयों को जयपुर में दबोचा, खिड़की से कूदकर भागे रहे थे बदमाश

बीकानेर। आखिरकार बीकानेर पुलिस की 11 महीने की लंबी खुफिया निगरानी और मेहनत रंग लाई। शातिर ईनामी बदमाश महेंद्र बिश्नोई और मनरूप बिश्नोई, जिन पर प्रत्येक पर 25-25 हजार का इनाम घोषित था, को जयपुर में एक रोमांचक ऑपरेशन के बाद दबोच लिया गया।

सूचना मिली थी कि दोनों जयपुर के एक होटल में छिपे हुए हैं। इस पर DST बीकानेर की टीम ने जयपुर पुलिस के सहयोग से होटल को घेर लिया। लेकिन जैसे ही बदमाशों को भनक लगी, उन्होंने कमरे का दरवाजा नहीं खोला और फिल्मी अंदाज में खिड़की से कूदकर गली में भागने लगे। करीब एक घंटे की तगड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने दोनों को खोज निकाला और काबू कर लिया।

ऑपरेशन की खास बात यह रही कि DST की टीम सुबह 5 बजे से होटल की रेकी कर रही थी। टीम के जवान अलग-अलग भेष बदलकर होटल के आसपास जमे हुए थे। जैसे ही सही वक्त आया, पूरी रणनीति के साथ रेड डाली गई।गिरफ्तार आरोपी महेंद्र बिश्नोई तीन गंभीर मामलों में वांछित था और नशे के सौदागर के रूप में कुख्यात है। वहीं दोनों भाई बीछवाल में 11 महीने पहले हुए चर्चित शाहरुख हत्याकांड के भी मुख्य आरोपी थे। फरारी के दौरान दोनों ने मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार और राजस्थान के कई शहरों में शरण ली और अपना हुलिया व नाम बदलकर मोहम्मद गोरी और प्रकाश गोदारा के नाम से पहचान छिपाते रहे।

 

इन दोनों पर बीकानेर के विभिन्न थानों में कुल 21 संगीन मुकदमे दर्ज हैंमहेंद्र पर 16 और मनरूप पर 5

 

इस हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी को अंजाम देने वाली टीम में शामिल थे:

ASP सिटी सौरभ तिवाड़ी, CO सदर IPS विशाल जांगिड़, CI गोविंद सिंह चारण, DST के ASI दीपक यादव, श्रीराम, सूर्यप्रकाश और जयपुर पुलिस के नवीन राणा व कांस्टेबल शिवराज।इन अपराधियों के पीछे 11 महीने से खाक छानती पुलिस टीम ने हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर आखिरकार यह साबित कर दिया कि कानून के हाथ लंबे ही नहीं, बल्कि बेहद मजबूत भी होते हैं।

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