
बीकानेर। शहर में भूमाफियाओं के हौंसले इस कदर बुलंद हैं कि मानो उन्हें किसी का भी भय नहीं रहा। बीकानेर के गंगाशहर स्थित राजकीय महाविद्यालय के मुख्य द्वार के आगे तारबंदी कर कब्जा कर लिया। अब कालेज में पढ़ने वाली छात्राओं को कालेज तक पहुंचने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। राजकीय महाविद्यालय गंगाशहर के मुख्य द्वार के ठीक सामने ईद की छुट्टियों के दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने मुरलीधर धोरे के पास तारबंदी कर दी। अब हालत ये है कि कॉलेज तक पहुंचने का मुख्य रास्ता पूरी तरह बंद हो चुका है।करीब दस दिन पहले की गई इस तारबंदी के कारण कई छात्राओं ने कॉलेज आना छोड़ दिया है, और जो आ रही हैं, वे किसी तरह एक कंटीले, उबड़-खाबड़ रास्ते से होकर कैंपस तक पहुंच रही हैं।कॉलेज प्रशासन ने राज्य सरकार, जिला प्रशासन, नगर निगम, थाना गंगा शहर सहित संबंधित हर विभाग को पत्र लिखकर सूचित किया है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिला है।इस बीच असामाजिक तत्वों का हौसला इतना बढ़ गया है कि वे अब कॉलेज की दीवारें फांदकर परिसर में घुस रहे हैं, जिससे छात्राओं की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है।कॉलेज स्टाफ और विद्यार्थी लगातार गुहार लगा रहे हैं कि मुख्य द्वार को मुक्त कराया जाए, ताकि बेटियों की पढ़ाई दोबारा पटरी पर लौट सके।
कालेज प्राचार्य प्रो.बबीता जैन ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने राज्य सरकार, जिला प्रशासन, नगर निगम,गंगाशहर थाने तक अपनी पीड़ा पंहुचाई है ममगर अब तक न तो कब्जाधारियों पर कार्रवाई हुई और न ही अवरोध हटाया गया।
*प्रशासन की चुप्पी , कब्जाधारियों की ताकत बन रही*
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते एक्शन नहीं लिया, तो यह अतिक्रमण स्थायी रूप धारण कर सकता है और इससे शिक्षा व्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।बेटियों की यह गुहार अब सिर्फ प्रशासन नहीं, पूरे शहर से जवाब मांगती है।क्या बीकानेर जिला प्रशासन इन छात्राओं की आवाज सुनेगा?
क्या गंगाशहर का यह शिक्षण संस्थान फिर से खुली और सुरक्षित राह पर आ पाएगा?क्या बेटियां फिर से निडर होकर क्लास तक पहुंच सकेंगी?यह अब सिर्फ एक कॉलेज का मामला नहीं रहा बल्कि इस कालेज में पढ़ने वाली सैकड़ों बेटियों के भविष्य का सवाल बन गया है।