


बीकानेर : पलाना गांव में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा एक भावुक क्षण का गवाह बनी। जब मंच पर एक महिला प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचीं, तो वे भावुक होकर उनके चरण छूने झुकीं। लेकिन इससे पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें रोका और स्वयं झुककर उन्हें प्रणाम किया। यह महिला थीं बीकानेर जिले के पांचू ब्लॉक के पारवा गाँव की रहने वाली सुमित्रा देवी सेन, जो आज ग्रामीण महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुकी हैं।सुमित्रा देवी ने प्रधानमंत्री को अपने हाथों से बनी लकड़ी की बैलगाड़ी का मॉडल भेंट किया, जो उनके आत्मविश्वास, मेहनत और प्रतिभा का प्रतीक है। वे वर्ष 2018 में राजस्थान सरकार की राजीविका योजना के अंतर्गत “माजीसा स्वयं सहायता समूह” से जुड़ीं। उस समय उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी और मासिक आय मात्र 400 से 500 रुपये के बीच थी।स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद सुमित्रा ने 50,000 रुपये और फिर “एकता शक्ति क्लस्टर लेवल फेडरेशन, पांचू” से 1 लाख रुपये का ऋण लेकर सिलाई मशीन खरीदी। इसके बाद उन्होंने बैग, पर्स और लकड़ी की कलात्मक वस्तुएँ बनानी शुरू कीं। वर्ष 2022 में बीकानेर के ग्रामीण हाट में स्टॉल मिलने के बाद उनके उत्पादों को बड़ा मंच मिला और उन्होंने शहरी बाजार में भी कदम रखा।आज उनकी मासिक आय करीब 25,000 रुपये है और वे राज्यभर से ऑनलाइन ऑर्डर प्राप्त कर रही हैं। सुमित्रा देवी न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी हैं, बल्कि अपने गाँव की अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत हैं। जिला परियोजना प्रबंधक दिनेश मिश्रा के अनुसार, सुमित्रा की सफलता राजीविका जैसी योजनाओं की असली ताकत को दर्शाती है।प्रधानमंत्री मोदी का उनके प्रति सम्मान, देशभर की महिलाओं को यह संदेश देता है कि मेहनत, हुनर और आत्मविश्वास से कोई भी महिला अपनी पहचान बना सकती है।